मैं अच्छा लेखक हूं .... क्यों हूं ..... मैं बहुत अच्छा लिख रहा हूं , मेरे अच्छा लिखने का अगर कोई मापदण्ड है तो वो है "टिप्पणियां" ........ अरे भाई "टिप्पणियां" तब ही कोई मारेगा जब मैं अच्छा लिखूंगा, नहीं लिखूंगा तो कोई भला क्यों टिप्पणी करेगा .... बिल्कुल सही कहा ... अच्छे लिखने का मापदण्ड तो निश्चिततौर पर "टिप्पणियां" ही हैं जब "टिप्पणियां" मिल गईं तो स्वभाविकतौर पर अच्छा ही लिखा गया है , नहीं तो किसी को क्या पडी थी "टिप्पणियां" मारने की, .... किसी को खुजली तो नहीं हुई है जो बेवजह ही "टिप्पणियां" ठोक देगा .... अब ५०, १००, १५०, "टिप्पणियां" मिल रही हैं इसका सीधा-सीधा मतलब यही है कि .... मैं अच्छा लेखक हूं !!!!
...... इसके अलाबा एक और मापदण्ड है अच्छा लिखने का ... वो क्या है ? ... अरे भाई आजकल "हवाले" का भी बोलबाला है ..... अब "हवाले" की दौड में हर कोई तो आ नहीं सकता, जिसकी "सैटिंग" होगी वह ही "हवाले" की दौड में दौड पायेगा ... "हवाले" की दौड में भी "सैटिंग" होती है क्या !!!! .... बिल्कुल होती है!!!!!!! ... क्या "हम-तुम" हवाले कर सकते हैं, शायद नहीं ... वो इसलिये कि "हवाले" हर किसी की बस की बात नहीं है !!! .... चलो कोई बात नहीं "टिप्पणियां" और "हवाले" की "सैटिंग" को दूर से ही "राम-राम" कर लेते हैं ........ कोशिश यही कर लेते हैं कि कुछ अच्छा ही लिख लेते हैं !!!!!!!!!!!
9 comments:
Haa..ha..ha..Sir. Main aapse sahmat hun. Mujhe aapki post bhi achhi lagi.
ब्लॉग जगत के लिए सामयिक व्यंग्य।
अब टिप्पणियों पर भी हावी हवाला ...
तो ब्लागिंग में हो रहा है घोटाला ..
आप तो वैसई बहुत उम्दा लिखते है.... उम्दा लेख को देख कर टिप्पणी दौड़ने लगती है ... राम राम
जय हो श्याम भाई
टिप्पणी बिना सब सून।
श्याम भाई मैं भी अच्छा लेखक हूं .... मेरे ब्लॉग में टिप्पणियॉं कम आती है इसके बावजूद भी मैं अच्छा लेखक हूं।
चिट्ठाजगत के साईड बार में शुरूआती छ: सात सार्थक टिप्पणियां मिलते देर है फिर तो टिप्पणियॉं आती ही है।
"इशारों इशारों में व्यंग्य करने वाले
बता ये हुनर तूने सीखा कहाँ से..."
बढ़िया... बिंदास..
बहुत बढिया!
aap sach me badhiya lekhak hain
सच में आप बहुत बढ़िया लिखते हैं.
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