हुई आँखें नम, तेरे इंतजार में 'उदय'
कम से कम, अब इन्हें छलकने तो न दो ।
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कम से कम, अब इन्हें छलकने तो न दो ।
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न चाहो उन्हे तुम, जिन्हे तुम चाहते हो
चाहना है, तो उन्हे चाहो, जो तुमको चाहते हैं।
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न छोडी कसर उन ने, कांटो को चुभाने में,
खड़े हैं अब अकेले ही, सँजोकर आरजू दिल में ।
2 comments:
यह भी बढियां !
न छोडी कसर उन ने, कांटो को चुभाने में,
खड़े हैं अब अकेले ही, सँजोकर आरजू दिल में ।
हम्म....उन ने ये कहीं उलझन दे रहा है....
बाकी बढ़िया है
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