nice
wah re shyaam..........
वो जगह ही तो नहीं पाता..इस धरती पर तो मिलना मुश्किल है....बहुत खूबसूरत भावना लिखी है
Bas usee jagah ka pata to bata den....!
कबीर कहते हैःरस गगन गुफा में अजर झरैबिन बाजा झनकार करै कोईसमुझि पड़ै जब ध्यान धरैरस गगन गुफा में अजर झरै.....सचमुच,अंतर्यात्रा शुरू होते ही सत्य के दर्शन होने लगते हैं।
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5 comments:
nice
wah re shyaam..........
वो जगह ही तो नहीं पाता..इस धरती पर तो मिलना मुश्किल है....
बहुत खूबसूरत भावना लिखी है
Bas usee jagah ka pata to bata den....!
कबीर कहते हैः
रस गगन गुफा में अजर झरै
बिन बाजा झनकार करै कोई
समुझि पड़ै जब ध्यान धरै
रस गगन गुफा में अजर झरै.....
सचमुच,अंतर्यात्रा शुरू होते ही सत्य के दर्शन होने लगते हैं।
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