Monday, June 7, 2010

"मंजिल"

अगर चाहोगे
मुश्किलें हट जायेंगी
हौसला है लडने का
हर जंग जीत जाओगे

मत देखो पहाडी को
कदम बढाओगे
चोटी पर पहुंच जाओगे

गर हौसला है मजबूत
आग के दरिया को
तैर कर निकल जाओगे

अगर डर गये कांटों से
तो फ़ूल कहां से पाओगे
चाह बनेगी दिल में
तो राह मिल जायेगी

मत रुको डर कर
मत रुको थक कर
चलते चलो, बढते चलो
"मंजिल" को पा जाओगे
अगर चाहोगे ........... ।

7 comments:

Unknown said...

मुश्किलें हट जायेंगी
हौसला है लडने का
हर जंग जीत जाओगे

हौसला वढ़ाने वाली सार्थक पोस्ट

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

Hoga suraakh aasma mein,
Phenk patthar lagake zor!

Bahut badhiya.....

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

अच्छी सकारात्मक सोच

Vivek Jain said...

Positive attitude!
vivj2000.blogspot.com

स्वाति said...

मत रुको डर कर
मत रुको थक कर
चलते चलो, बढते चलो
"मंजिल" को पा जाओगे
अगर चाहोगे ...........
सकारात्मक सोच वाली सार्थक पोस्ट...

पवन धीमान said...

अगर डर गये कांटों से..तो फ़ूल कहां से पाओगे.. बढ़िया ...साधुवाद

SATYAKAM said...

ये कविता मुझे याद दिलाती हैं श्री हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखिंत "कोशिश" की...
बहुत ही बढ़िया लिखा हैं आपने :)